
केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में शिरकत की. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर रविशंकर ने सरकार के कामकाज को लेकर बात की.
प्रवासी मजदूरों का मामला कोर्ट में भी पहुंचा था और इस पर सॉलिसिटर जनरल के कमेंट पर काफी विवाद हुआ था. इस मसले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "सॉलिसिटर जनरल ने एक संदर्भ रखा था कि जो लोग कोर्ट में आते हैं, वह खुद भी तो बताएं कि उन्होंने क्या किया है. और यह सवाल क्यों नही उठना चाहिए. मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन क्या ये सच्चाई नहीं है कि ये लोग एक प्रकार से कभी-कभी दबाव की राजनीति करते हैं."
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कानून मंत्री ने आगे कहा, "क्या यह सही नहीं है कि भारत के एक मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग लगाने की कार्यवाही की गई थी. क्या यह सही नहीं कि जब उपराष्ट्रपति जी ने महाभियोग की कार्यवाही को खारिज कर दिया तो कांग्रेस से जुड़े लोग कोर्ट में गए थे. बाद में केस वापस कर लिया था. हम भारत की न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, उन्हें हस्तक्षेप करने का अधिकार है लेकिन न्याय पालिका को ईमानदारी और आजादी से काम करने देना चाहिए, दबाव में नहीं.
रविशंकर प्रसाद बोले, "हमारी विरासत है कि हमने इमरजेंसी में लड़ाई लड़ी थी, लाठी खाई थी, जेल गए थे. क्या नरेंद्र मोदी जी, क्या वैंकेया नायडू, क्या अरुण जेटली जी और क्या रविशंकर, हमने तीन आजादी के लिए संघर्ष किया था; मीडिया, इंसान और न्यायपालिका की आजादी. आज जो हमसे सवाल पूछते हैं उनकी विरासत यही है, वह जजों पर महाभियोग की बात करते हैं, कोर्ट में केस फाइल करते हैं और फिर उसे वापस लेते हैं.
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रविशंकर प्रसाद ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, "हमारी प्रतिबद्धता न्यायपालिका की आजादी के लिए प्रमाणिक है और रहेगी. मैं एक बात बड़ी गंभीरता से कहूंगा कि चुनाव में हारे हुए लोग, बार-बार हराए गए लोग, कोर्ट के गलियारे से देश की राजनीति को नियंत्रित न करें."
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बता दें कि मोदी सरकार 2.0 के सत्ता पर काबिज हुए एक साल पूरा होने के मौके पर आजतक पर आज पूरे दिन ई-एजेंडा का मंच सजा रहेगा. ई-एजेंडा आजतक के मंच पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता शिरकत करेंगे. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर एक तरफ जहां दिग्गज मंत्री कामकाज का लेखा-जोखा देंगे तो वहीं विपक्ष के नेता भी अपनी राय रखेंगे.